छठ पूजा की तैयारी: सही विधि और सुझाव

छठ पूजा की तैयारी 2025: एक दिशा-निर्देश

छठ पूजा, बिहार और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में एक महत्वपूर्ण और श्रद्धापूर्वक मनाया जाने वाला पर्व है। यह पर्व सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा को समर्पित होता है। खासतौर पर बिहार में इस पूजा का विशेष महत्व है और इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यदि आप 2025 में छठ पूजा की तैयारी करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना होगा। इस लेख में हम छठ पूजा की तैयारी के लिए आवश्यक सुझाव और दिशा-निर्देश देंगे, ताकि आप इस महत्वपूर्ण पर्व को सही तरीके से मना सकें।

छठ पूजा की तैयारी: सही विधि और सुझाव


1. पूजा की तिथि और समय की जानकारी

छठ पूजा का आयोजन दीपावली के बाद, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को किया जाता है। 2025 में यह तिथि 30 अक्टूबर से 2 नवम्बर तक होगी। सबसे पहले आपको पूजा की तिथि और समय की सही जानकारी होनी चाहिए, ताकि आप इसे सही दिन और समय पर मना सकें। यह जानकारी स्थानीय पंचांग या धार्मिक कैलेंडर से प्राप्त की जा सकती है।

2. घर की सफाई और पूजा स्थल की व्यवस्था

छठ पूजा के दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखना होता है। घर और पूजा स्थल की पूरी सफाई करनी चाहिए। यह माना जाता है कि पूजा करने के लिए घर का वातावरण शुद्ध होना चाहिए, इसलिए घर की सफाई, रसोई की सफाई, और पूजा स्थल की सफाई करना अनिवार्य है। पूजा स्थल पर रेत या चटाई बिछा कर, उस स्थान को पवित्र करें।

3. पूजा सामग्री की व्यवस्था

छठ पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। इस पूजा में जो सामग्री मुख्य रूप से प्रयोग होती है, उसमें शामिल हैं:

  • सुपारी, केला, नारियल, शकरकंद, गन्ना

  • पानी में रखने के लिए ठाल या मटका

  • सिंदूर, दीपक, अगरबत्ती, फूल

  • चावल, घी, तेल, पकवान (जैसे ठेकुआ, चिउड़े, खीर)

  • चांदी या पीतल की थाली (जिसमें पूजा सामग्री रखी जाती है)

इन सभी चीजों को एकत्रित करने के लिए आपको पहले से ही बाजार से खरीददारी करनी होगी।

4. उबटन और स्नान की तैयारी

छठ पूजा के दौरान उबटन और स्नान की प्रक्रिया महत्वपूर्ण होती है। पारंपरिक रूप से, व्रति (जो पूजा करते हैं) और परिवार के अन्य सदस्य पहले उबटन करते हैं और फिर नदी या तालाब में स्नान करके शुद्ध होते हैं। यदि आप नदियों के पास नहीं रहते हैं तो साफ पानी से स्नान करें और पवित्रता का ध्यान रखें।

5. व्रत का पालन

छठ पूजा के दौरान व्रत का पालन करना आवश्यक है। यह व्रत 36 घंटे का होता है, जिसमें व्रति उपवासी रहते हैं और केवल फलाहार करते हैं। खासकर सूर्यास्त के समय और सूर्योदय के समय पूजा करनी होती है। इस व्रत के दौरान पानी, भोजन, और अन्य चीजों का बहुत ध्यान रखा जाता है। व्रति को संयमित और शुद्धता के साथ इस व्रत को पालन करना होता है।

6. पूजा विधि

छठ पूजा में मुख्य रूप से दो दिन की पूजा होती है – एक दिन संतान सुख और दूसरे दिन उषा और सूर्य देवता की पूजा। पहले दिन, सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित किया जाता है और दूसरे दिन उषा को अर्घ्य दिया जाता है। पूजा की विधि बहुत सरल होती है, लेकिन इसे श्रद्धा और निष्ठा के साथ करना चाहिए।

7. पारंपरिक पकवान और ठेकुआ

ठेकुआ और चिउड़े छठ पूजा के विशेष पकवान हैं। ठेकुआ एक प्रकार का मीठा पकवान होता है, जिसे चावल के आटे और गुड़ से बनाया जाता है। इसे पूजा में अर्पित किया जाता है। आप इसे घर पर तैयार कर सकते हैं, इसके लिए आपको पहले से ही सामग्री जुटानी होगी।

8. परिवार और समाज का सहयोग

छठ पूजा में परिवार का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह एक सामूहिक पूजा होती है, जिसमें सभी परिवार के सदस्य मिलकर पूजा करते हैं। समाज में भी छठ पूजा के दौरान सहयोग की भावना होती है। गंगा या अन्य नदियों के किनारे लोग एक-दूसरे की मदद करते हैं। यह सामूहिकता ही इस पूजा को और भी विशेष बनाती है।

निष्कर्ष

छठ पूजा एक ऐसी धार्मिक परंपरा है, जिसमें श्रद्धा और पवित्रता का बहुत महत्व होता है। 2025 में छठ पूजा की तैयारी के लिए आपको समय से पहले पूजा की सामग्री एकत्रित करनी होगी, घर की सफाई करनी होगी और व्रत के नियमों का पालन करना होगा। इस पर्व के दौरान संयमित जीवनशैली और परिवार-समाज का सहयोग पूजा के सफल संपन्न होने के लिए आवश्यक होता है। इस विशेष पर्व के माध्यम से आप न केवल सूर्य देवता की कृपा प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि अपने जीवन को शुद्ध और समृद्ध बना सकते हैं।

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दिनांक -👉🏻२२ अक्टूबर २०२५

दिन 👉-बुधवार

मास -👉 कार्तिक

पक्ष 👉 शुक्ल पक्ष

तिथि 👉🏻-प्रतिपदा सायं - ०६:१८ तक।

नक्षत्र 👉🏻 स्वाती रात्रि ०१:०६ तक ।

सूर्योदय 👉 ०६:२१

सूर्यास्त 👉०५:३९

दिशा शूल 👉 उत्तर

🌞पाक्षिक सूर्य👉 हस्त पद में 💥                     

🌚राहु काल 👉 दिन

१२:०० से ०१:३०

बजे तक

🕉️ आज:-कार्तिक स्नान आरंभ🌸

💐आज:- अन्नकूट, गोवर्धन पूजा🚩

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दिनांक -👉🏻२३ अक्टूबर २०२५

दिन 👉-बृहस्पतिवार

मास -👉 कार्तिक

पक्ष 👉 शुक्ल पक्ष

तिथि 👉🏻-द्वितीया रात्रि - ०८:२३ तक।

नक्षत्र 👉🏻 विशाखा रात्रि ०३:३४ तक ।

सूर्योदय 👉 ०६:२२

सूर्यास्त 👉०५:३८

दिशा शूल 👉 दक्षिण

🌞पाक्षिक सूर्य👉 हस्त पद में 💥                     

🌚राहु काल 👉 दिन

०१:३० से ०३:००

बजे तक

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दिनांक -👉🏻२४ अक्टूबर २०२५

दिन 👉-शुक्रवार

मास -👉 कार्तिक

पक्ष 👉 शुक्ल पक्ष

तिथि 👉🏻-तृतीया रात्रि - १०:३१ तक।

नक्षत्र 👉🏻 अनुराधा रात्रि ०६:२० तक ।

सूर्योदय 👉 ०६:२३

सूर्यास्त 👉०५:३७

दिशा शूल 👉 पश्चिम

🌞पाक्षिक सूर्य👉 हस्त पद में 💥                     

🌚राहु काल 👉 दिन

१०:३० से १२:००

बजे तक

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दिनांक -👉🏻२५ अक्टूबर २०२५

दिन 👉-शनिवार

मास -👉 कार्तिक

पक्ष 👉 शुक्ल पक्ष

तिथि 👉🏻-चतुर्थी रात्रि - १२:३४ तक।

नक्षत्र 👉🏻 ज्येष्ठा समस्त।

सूर्योदय 👉 ०६:२४

सूर्यास्त 👉०५:३६

दिशा शूल 👉 पूर्व

🌞पाक्षिक सूर्य👉 हस्त पद में 💥                     

🌚राहु काल 👉 दिन

०९:०० से १०:३०

बजे तक

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